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बाजरा क्या है ? ग्लॉसरी | इसका उपयोग | स्वास्थ्य के लिए लाभ | रेसिपी |

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बाजरा क्या है? What is whole bajra, black millet, pearl millet in Hindi?

साबुत बाजरा मोती बाजरा (पेनिसेटम ग्लौकम) के पूरे, अप्रसंस्कृत अनाज को संदर्भित करता है। यह एक छोटा, गोल अनाज है, जो आमतौर पर हल्के भूरे से भूरे रंग का होता है, और भारत और अफ्रीका के कई हिस्सों में एक मुख्य भोजन है। संसाधित अनाज के विपरीत जहां चोकर और रोगाणु हटा दिए जाते हैं, साबुत बाजरा तीनों भागों को बरकरार रखता है: चोकर (बाहरी परत), रोगाणु (पोषक तत्वों से भरपूर भ्रूण), और एंडोस्पर्म (स्टार्चयुक्त कोर)। यह बरकरार संरचना इसके समृद्ध पोषण प्रोफ़ाइल और स्वास्थ्य लाभों में योगदान करती है।

 

पौष्टिक रूप से, साबुत बाजरा आवश्यक पोषक तत्वों का भंडार है। यह जटिल कार्बोहाइड्रेट का एक बेहतरीन स्रोत है, जो निरंतर ऊर्जा प्रदान करता है। यह पौधे-आधारित प्रोटीन का भी एक अच्छा स्रोत है और विशेष रूप से आहार फाइबर में समृद्ध है, जो पाचन में सहायता करता है, तृप्ति को बढ़ावा देता है, और रक्त शर्करा और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा, साबुत बाजरा में मैग्नीशियम, पोटेशियम, आयरन, जिंक और बी विटामिन जैसे महत्वपूर्ण विटामिन और खनिज होते हैं। इसका पोषक घनत्व इसे संतुलित आहार में एक मूल्यवान अतिरिक्त बनाता है, जो समग्र स्वास्थ्य और कल्याण में योगदान देता है।

 

भारतीय खाना पकाने में, साबुत बाजरा का उपयोग विभिन्न पारंपरिक व्यंजनों में किया जाता है। सबसे आम तैयारियों में से एक बाजरा रोटी या रोटला है, जो एक मोटी, देहाती चपटी रोटी है जिसे अक्सर सब्जियों या दाल की करी के साथ खाया जाता है। साबुत बाजरा को खिचड़ी नामक दलिया जैसी डिश में भी पकाया जा सकता है, जिसे अक्सर पौष्टिक और आरामदायक भोजन के लिए दाल और सब्जियों के साथ मिलाया जाता है। अपने हल्के अखरोट जैसे स्वाद और पौष्टिक बनावट के कारण, साबुत बाजरा इन व्यंजनों को एक विशिष्ट स्वाद और स्वाद प्रदान करता है, जिससे यह भारतीय पाककला परिदृश्य में, विशेष रूप से राजस्थान जैसे क्षेत्रों में, एक बहुमुखी और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण अनाज बन जाता है।

 

 

बाजरा चुनने का सुझाव (suggestions to choose whole bajra, black millet, pearl millet)

• इस बात का ध्यान रखें कि यह अनाज धुल मिट्टी, पत्तथर और अन्य प्रकार के अशुद्ध पदार्थ से मुक्त हो।

• इस अनाज के कण छोटे और भूरे रंग के मोती जैसे दाने होने चाहिए।

 

 

 

बाजरा के उपयोग रसोई में (uses of whole bajra, black millet, pearl millet in Indian cooking)

• इसका प्रयोग अक्सर खमीर से बने या बिना खमीर के बने ब्रेड बनाने मे, पॉरिज और खिचड़ी बनाने के लिये किया जाता है।

• खिचड़ी मे बाजरे का प्रयोग करने के समय, बाजरा को रातभर भीगोने के बाद हरी मूँग दाल के साथ प्रैसर कुकर मे नरम होने तक पकायें। घी मे तड़का लगाकर मिला लें। यह एक पारंपरिक राजस्थानी खाना है।

• बाजरे का आटा बनाकर, इसका प्रयोग बाजरे कि रोटी, खाखरे, भाकरी, भरवां पराठे, मूठीया, ढ़ोकले, चकली आदि बनाने के लिये किया जाता है।

• दक्षिण भारत में, खासतौर पर खेती करने वाले क्षेत्र में, बाजरा को चावल कि तरह प्रैशर कुक किया जाता है, ठंडा होने पर गोल आकार मे बनाकर पानी भर बर्तन मे रखा जाता है। इन बॉल को अगले दिन दही, प्याज़ और हरी मिर्च के साथ ताज़े नाश्ते के रुप मे खाया जाता है।

 

बाजरा खिचड़ी रेसिपी | राजस्थानी बाजरा खिचड़ी | स्वस्थ काले बाजरे की भारतीय खिचड़ी |  बाजरे की खिचड़ी की एक सर्विंग में आपके अनुशंसित आहार भत्ते (आरडीए) का 30% फोलिक एसिड, 20% विटामिन बी 1, 21% प्रोटीन, 17% आयरन, 21% मैग्नीशियम, 18% जिंक, 23% फाइबर होता है।

 

 

बाजरा संग्रह करने के तरीके

• ठंडी जगह पर हवा बंद डब्बे मे रखें।

• ताज़ा बाजरा चुनना अच्छा होता है, इसलिये छोटे पैकेट ही खरीदें।

 

 

बाजरा के फायदे, स्वास्थ्य विषयक (benefits of whole bajra, black millet, pearl millet in Hindi)

• इसमे उच्च मात्रा मे प्रोटीन होता है और अमिनो एसिड का बेहतरीन संतुलन होता है। इसलिये यह रस प्रक्रिया मे मुख्य किरदार निभाता है।

• अन्य ानाज कि तुलना मे इसमे लौहतत्व कि मात्रा अधिक होती है। इसका प्रयोग करने से हिमोग्लोबिन कि मात्रा बनी रहती है, जिससे अनिमीया जैसी बिमारीयाँ नही होती।

• इसमे संतुलित मात्रा मे थायामीन (विटामीन बी1) होता है, जिससे रक्त का बहाव बढ़ता है और तंतिक्रा तंत्र के स्वास्थ्य के लिये लाभदायक होता है।

 


 

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