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अन्य नाम
खोया
मावा, खोया क्या है?
मावा, जिसे खोया के नाम से भी जाना जाता है, यह भारत में नमकीन और मीठे व्यंजनों में बहुत ही खास स्थान रखता है। आसानी से उपलब्ध और इसकी नरम दानेदार बनावट के लिए कीमती मावा एक महत्वपूर्ण डेयरी उत्पाद है, जिसे घर पर भी बनाया जा सकता है। हालाँकि यह थोड़ी थका देने वाली पद्धति है, यह दूध का बचा हुआ हिस्सा है जो उबलने और कम होने पर अर्ध-ठोस पदार्थ बनता है। जब इसे दूध और शक्कर के साथ मिलया जाये तो यह एक नया रुप अपना लेता है। सामग्री और नमी की मात्रा कि मावा की बनावट में मुख्य भूमिका होती है। मूल रूप से खोया गुजराती में उत्तपन हुआ था, लेकिन आज यह भारत के हर कोने में मिलता है।
चूरा किया हुआ गुलाब जामुन का मावा (crumbled gulab jamun mawa)
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अपने हाथों से मावा को छोटे टुकड़ों में तोड़ें। मावा का एक छोटा गोला लें और इसे अपनी उंगलियों से दबाएं, आप देखेंगे कि यह दबाव से आसानी से चूरा हो जाता है। इसका उपयोग आमतौर पर गुलाब जामुन, मावा बाटी आदि जैसी मिठाई बनाने के लिए किया जाता है।
चूरा किया हुआ मावा (crumbled mawa)
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अपने हाथों से मावा को छोटे टुकड़ों में तोड़ें। मावा का एक छोटा गोला लें और इसे अपनी उंगलियों से दबाएं, आप देखेंगे कि यह दबाव से आसानी से चूरा हो जाता है। इसका उपयोग हलवा, लड्डू जैसी मिठाई बनाने के लिए किया जाता है।
कसा हुआ मावा (grated mawa)
मावा का एक बड़ा टुकड़ा लेकर उसे ग्रेटर पर रखें और अपने हाथों के बल का उपयोग करके इसे नीचे की तरफ धकेलें जिससे मावा के कद्दूकस किए हुए स्ट्रैंड्स मिलेंगे। ग्रेटर में छेद अनुसार मावा के मोटे या पतले स्ट्रैंड्स बनाएं। ज़रुरत अनुसार मोटे या पतले छेद वाले ग्रेटर का प्रयोग करें।गुलाब जामुन का मावा (gulab jamun mawa)
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इसे नरम खोया, हरियाली मावा या चिकना मावा के नाम से भी जाना जाता है। हरियाली और चिकना का अर्थ क्रमशः स्मूद और फिसलन है, और इन विवरणों का उपयोग इस प्रकार के मावा के लिए किया जाता है क्योंकि इसमें 80 प्रतिशत नमी होती है। हरियाली मावा बनाने के लिए दूध को उबालना सामान्य मावा की तुलना में थोड़ा पहले रोक दिया जाता है। इसका उपयोग समृद्ध शाही ग्रेवी और गुलाब जामुन बनाने के लिए किया जाता है, जिसमें हरियाली मावा के तले हुए बॉल्स होते हैं और उन्हें गुलाब के स्वाद वाले चीनी के सिरप में भिगोया जाता है।
मावा, खोया चुनने का सुझाव (suggestions to choose mawa, khoya, mava)
• मावा खरीदने दौरान हल्के सफेद रंग का और जो छूने पर ठोस लगे, एैसा मावा चुनें।
• किसी भी प्रकार के काले दाग या फफूँदी दाग दिखने पर न खरीदें।
• खट्टी सुगंध आने पर भी न खरीदें।
मावा, खोया के उपयोग रसोई में (uses of mawa, khoya, mava in Indian cooking)
1.
केसर पेड़ा रेसिपी : केसर और इलायची के स्वाद से भरे और शानदार मावे से बने केसर पेढ़े की अपनी ही कुछ खास बात है। तैयार मावे का प्रयोग करने से हमने इसे बनाने के समय को कम किया है, जिसकी आवश्यक्ता इस पारंपरिक मिठाई को बनाने के लिए होती है।
2.
गुलाब जामुन एक पंजाबी मिठाई है जो न केवल रेस्तरां में बल्कि उत्तर भारत की सड़कों पर भी परोसी जाती है।
3. खोया के साथ हमारा
गाजर का हलवा एक पंजाबी गाजर का हलवा रेसिपी है। कई शॉर्टकट हो सकते हैं, लेकिन कभी-कभी मिठाई बनाने की पारंपरिक विधि सबसे रीच स्वाद देती है! प्रामाणिक गाजर का हलवा का यह प्रामाणिक नुस्खा साबित होता है!
4. मावा मोदक रेसिपी
5. मोहनथाल एक और मशहुर गुजराती मिठाई है। इस मिठाई को सही तरह से बनाना ज़रुरी होता है, कयोंकि एक तार वाली चाशनी इस व्यंजन को अच्छी तरह से बनाने का मूल है। अगर बहुत ज़्यादा पक जाए, इस व्यंजन के रंग और स्वाद पर प्रभाव पड़ता है। साथ ही, इस व्यंजन को नरम रुप प्रदान करने वाले मावा को बेसन के अच्छी तरह सुनहरा होने के बाद डालने के बाद मिलाना चाहिए।
• मावे के छोटे गोले बनायें, चपटाकर नारीयल का मिश्रण रखें और फिर गोल आकार में बना लें। अपनी हथेली से मुलायम लड्डू बना लें।
• सभी भारतीय मीठाईयों में बेहतरीन, इस दूध संबंधित मीठाई को खास त्यौहारों में बनाया जाता है, खास तौर पर दिपावली में।
• मावा काफी भारतीय मीठाईयों का आधार है, जैसे बर्फी। इसे पिसी हुई पिस्ता और पारंपरिक चाँदी वर्क से सजायें।
मावा, खोया संग्रह करने के तरीके
• मावा को डीप फ्रिज़र में हफ्ते भर से १५ दिनों के लिये संग्रह किया जा सकता है।
मावा, खोया के फायदे, स्वास्थ्य विषयक (benefits of mawa, khoya, mava in Hindi)
मावा एक डेयरी उत्पाद है जो विटामिन डी और कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत है - दो पोषक तत्व जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। लेकिन मावा में कैलोरी अधिक होती है। यह वसा में भी उच्च होता है क्योंकि यह पूर्ण वसा वाले दूध के साथ बनाया जाता है। इसके अलावा इसका उपयोग भारतीय खाने में मिठाई बनाने के लिए किया जाता है, जिसमें चीनी की मात्रा अधिक होती है। यह भी कैलोरी जोड़ता है।