भिगोए हुए गेहूँ (soaked wheat)
गेहूँ को साफ कर किसी भी प्रकार के पत्थर या कंकड़ निकाल लें। दो या तीन बार पानी से धो लें और गुनगुने पानी में भिगो दें। भिगोने से पकाने का समय कम हो जाता है-जिससे दोनो समय और ऊर्जा की बचत होती है। इसके बाद आप इसे व्यंजन अनुसार प्रयोग कर सकते हैं।
• आप गेहूं को तीन तरीके से खा सकते हैः संपूर्ण, टुकड़ा या आटे में पीसकर या अंकुरित भी।
• गेहूँ को पकाने का सबसे आसान तरीका इसे चावल की तरह पकाना है। बस भिगोयए हुए गेहूँ को पानी के सा र् कुकर या प्रैशर कुकर मे डालें और पका लें। पके हुए गेहूँ, चावल की तुलना में चिकने होते हैं, लेकिन इसे दुध या दही के साथ और अपनी पसंद की कसी हुई सब्ज़ीयों के साथ, कटे हुए फलों के साथ या सूखे मेवे के साथ खाया जा सकता है।
• गेहूँ को पकाने से पहले, सूखे पॅन में या अवन में भुनकर देखें। ऐसा करने से इसकी खुशबु तेज़ हो जाती है।
• गेहूं के दरदरे टुकड़े बनाकर इससे उपमा या पौष्टिक पुलाव बनाया जा सकता है।
• गेहूँ के आटे का विभिन्न प्रकार के व्यंजन में प्रयोग किया जा सकता है जैसे रोटी, ब्रेड, पराठा, शीरा, पास्ता और नूडल्स्।
• अंकुरित गेहूँ को उसनाकर या उबालकर, इसका विभिन्न व्यंजन में प्रयोग किया जा सकता है जैसे अंकुरित गेहूँ के पॅनकेक, अंकुरित गेहूँ का सलाद, क्रीम्ड स्प्राउटस्, गरम पके हुए अंकुरित सिरीयल आदि।
• गेहूं के फ्लेक्स् रोल्ड ओट्स् की तरह दिखते हैं और इन्हें गरमा गरमा सिरियल की तरह परोसा जा सकता है।
• गेहूँ से बने पास्ता काफी मशहुर हो चुके हैं और यह विभिन्न प्रकार में मिलते हैं (जैसे स्पैघटी, स्पाईरलस्, पैने आदि)।
• गेहूं के आटे से पौष्टिक पिज्ज़ा बेस बनाया जा सकता है।
गेहूं, गेहूँ संग्रह करने के तरीके
• गेहूँ को हवा बंद डब्बे में रखकर ठंडी, सूखी और गहरे रंग की जगह पर रखें।
• संग्रह करने से पहले, गेहूँ से छाँटकर पत्थर या कंकड़ निकाल लें, जिससे गेहूं खराब हो सकते हैं।
• अकसर इसे लंबे समय तक संग्रह करने के लिए, इनपर तेल लगाया जाता है। लेकिन तेल लगे गेहूँ को अच्छी तरह धोना ज़रुरी होता है।
गेहूं, गेहूँ के फायदे, स्वास्थ्य विषयक (benefits of wheat, whole wheat, gehun in Hindi)
गेहूं एक साबुत अनाज है और इसलिए फाइबर और पोषक तत्वों में भरपूर है। इसमें मौजूद फाइबर आपको लंबे समय तक तृप्त करने में मदद कर सकता है और इस तरह वजन घटाने में मदद भी करता है। यह स्ट्रोक के जोखिम को कम करता है और कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है। मधुमेह रोगियों के लिए भी चावल या मैदे की तुलना में साबुत गेहूं एक स्वास्थ्यवर्धक विकल्प है। पर चूंकि साबुत गेहूं में भी कार्ब्स अधिक होते हैं, इसलिए हम इसे सब्जियों के साथ मिलाने की सलाह देते हैं। इसमें मौजूद अघुलनशील फाइबर मल में बल्क जोड़ता है। यह मैग्नीशियम, फास्फोरस, जस्ता आदि जैसे अन्य पोषक तत्वों का भी एक अच्छा स्रोत है। गेहूं में ग्लूटेन होता है और इसलिए यह ग्लूटेन असहिष्णु लोगों के लिए उपयुक्त नहीं है।