• इस स्टार्च का मुख्य रुप से खाने मे गाढ़ापन प्रदान करने के लिये किया जाता है, जैसे पुडिंग और सॉस।
• बहुत से व्यंजनो मे इसे कॉर्न-स्टार्च या आटे से बदला जा सकता है। 1 टेबल-स्पून आटे के लिये 1 टी-स्पून अररूट का आटा लगता है, और । 1 टेबल-स्पून कॉर्न-स्टार्च कि जगह 2 टी-स्पून अररूट का आटा प्रयोग किया जा सकता है।
• इस पाउडर व्यंजन मे डालने से पुर्व, ठंडे पानी मे मिलाना ज़रुरी होता है और इसे आखरी मे मिलाना चाहिए, क्योंकि इसे ज़्यादा पकाने से अरारूट कि जैल बनाने का गुण नष्ट हो सकता है। एक बार मिश्रण के ठंडे होने पर, आँच से तुरंत हठा लें, जिससे वह दुबारा पतला ना हो जाये।
• अरारूट कम तापमान पर गाढ़ापन प्रदान करता है, वहीं, आटे या कॉर्नस्टार्च का प्रयोग उच्च तापमान पर किया जाता है।
• अन्य स्टार्च के विपरीत, अरारूट जमने पर पारदर्शी हो जाता है और व्यंजन के रंग को बदलता नही है।
• क्योंकि अरारूट बरस्वाद होता है, इसे किसी भी व्यंजन मे मिलाया जा सकता है।
• व्यंजन मे साबूत जड़ का भी प्रयोग किया जा सकता है। जड़ को उबालने या तलने से पहले, इसकि कागज़ जैसी परत को निकालना ज़रुरी होता है। इसका प्रयोग कर चिप्स् बनायी जा सकती है, जिसे नमक या मसालों से साथ मिलाया जा सकता है।
• बेक करते समय,इसका प्रयोग गाढ़ापन प्रदान करने के लिये किया जाता है जैसे फ्रूट पाई के भरवां मिश्रण औ र् ग्लेज़ में। इसका प्रयोग अरारूट कुकीस् बनाने मे भी किया जाता है। इससे चमकते फ्रूट जैली बना सकते है।
• अरारूट के आटे मे ग्लूटेन कि इसे गेहूँ के आटे से मुक्त बेक्ड व्यचजन मे प्रयोग के लिये उपयुक्त बनाता है।
• घर पर बनी आईस-क्रीम मे भी इसका प्रयोग किया जा सकता है, क्योंकि यह बर्फ जमने से रोकने मे मदद करता है।
• कोरियन पाकशैली मे अरारूट के नूडल्स बनाये जाते है। ान्य ओरीएन्टल पाकशैली मे इसका प्रयोग एसिडिक पदार्थ को गाढ़ा बनाने के लिये किया जाता है, जैसे स्वीट एण्ड सॉर सॉस आदि।
अरारुट का आटा संग्रह करने के तरीके
• जड़ो कि फ्रिज मे रखें।
• अरारूट के आटे को हवा बंद डब्बे मे रखकर ठंडी और सूखी जगह पर रखें और नमी और सूर्य कि किरणो से दुर रखें।