अन्य नाम
गूसबेरी, भारतीय गूसबेरी, अम्लका, अमला, अम्लाकी, नेल्लीकाई, अओन्ला
आंवला, अमला क्या है?
भारत का मूल, आँवले, युफोर्बीयाशी नामक एक पतझड़ी पेड़ के गोल आकार के, लंबी पट्टीयों वाले रेशांक भरपुर फल होते हैं। यह हरे-पीले रंग के होते हैं और इसका स्वाद अनोखा खट्टा होता है, जो इसके स्वाद के बाद भी बहुत से खाने में घुल जाता है। ठंडक प्रदान करने वाले और ऑक्सीकरण गुणों के साथ, आँवले का प्रयोग भारतीय दवा में भी किया जाता है और इन दवाई का प्रयोग बाल झड़ने से लेकर अपच से लेकर सूजन और सूखी खाँसी को ठीक करने के लिए किया जाता है।
भारत में चार प्रकार के आँवले मिलते हैं। वह हैं:
• बनारसी – आँवले का एक प्रकार जो अन्य विकल्प की तुलना में जल्दी पक जाते हैं, और साथ ही यह जल्दी खराब हो जाते हैं। इनका प्रयोग खाने में बहुत ज़्यादा नहीं किया जाता है।
• चकाईया – यह दूसरे साल में भरपुर मात्रा में उत्तपन्न होते हैं, और आँवले के अन्य विकल्प की तुलना में इनके फल ज़्यादा रेशांक वाले और छोटे होते हैँ। हालांकि, छोटे चकाईया आँवले के कम रेशांक वाले विकल्प भी होते हैं, जिनका प्रयोग केन्डी और प्रिज़र्व बनाने के लिए किया जाता है।
• फ्रान्सिस्- फ्रान्सिस् या हाथीझूल आँवले के कुछ विकल्प का उत्पादन बहुत ज़्यादा और जल्दी भी होता है, जो इन्हें आँवले आधारित पदार्ध बनाने के उत्पादकों के लिए पसंदिदा चुनाव बनाता है।
• जंगली हिमालयन आँवला – यह आँवले की एक खास नस्ल है जिनके फल छोटे होते हैं, और ठंड के मौसम में यह अच्छी तरह पनपते हैं। इन्हें कभी-कभी उत्तर अमरीका जैसे अन्य महाद्वीप में उगाया जाता है।
अमला वेजस् (amla wedges)
कटा हुआ आँवला (chopped amla)
आँवले को काटने का सबसे अच्छा तरीका होता है उनकी लंबी लकीरों के बराबर काटकर, खोलना और अंदर का गुदा निकालना, जिससे आपको अस्पॅष्ट फाँके प्राप्त होंगी। जहाँ इसे हल्के उबले हुए आँवले में आसानी से किया जाता है, कच्चे आँवले में ऐसा करना मुश्किल हो सकता है। इसलिए, आँवले को काटने के बोर्ड पर लंबा रखें और डंडी के आसपास 4 चीरे लगाऐं, वैसा ही जैसा आप वुड एप्पल में करते हैँ। बीज निकालकर, बचे हुए फाँक को काट लें और जरुरत अनुसार प्रयोग करें। अगर आपको इसका स्वाद पसंद हो, तो आप इन टुकड़ो को ऐसे ही खा सकते हैं, अन्यथा आप इनका प्रयोग अचार और मुरब्बा बनाने के लिए कर सकते हैं।
कसे हुए आँवले (grated amla)
आँवले को अच्छी तरह पकड़कर, एक तरफ से कसना शुरु करें। (जहाँ डंडी दिखे, उन किनारों से शुरुआत ना करें)। बीज के भाग तक पहुँचने तक, पलटकर दुसरी ओर से कसें। बीज निकालकर फेंक दें और कसे हुए आँवले को ज़रुरत अनुसार प्रयोग करें। इनका प्रयोग अकसर मुरब्बा और अचार बनाने के लिए किया जाता है।
आंवला, अमला चुनने का सुझाव (suggestions to choose amla, Indian gooseberry)
• व्यंजन की आवश्यक्ता अनुसार या आयुर्वेदिक चिकित्सक द्वारा सुझाव अनुसार, छोटे या बड़े आँवलों में से चुने।
• इस बात का ध्यान रखें कि फल साफ और बिना किसी दाग या चीरे के हो।
• उनका आकार गोल और लंबे चीरे वाला होने चाहिए।
• यह सुनिश्चित करें कि इनका रंग हरा-पीला हो। भुरे रंग वाले या दाग वाले आँवले ना चुनें।
आंवला, अमला के उपयोग रसोई में (uses of amla, Indian gooseberry in Indian cooking)
• आँवले का प्रयोग अकसर तीखे अचार और मुरब्बा बनाने में किया जाता है।
• इनका ताज़ा रस निकालकर और थोड़ा शहद डालकर इसके कड़वेपन को कम किया जा सकता है और इस रस को पीया जा सकता है।
• इन्हें सूखाकर और पीसकर आँवले का पाउडर बनाया जा सकता है, जिसका प्रयोग पौष्टिक पेय पदार्थ बनाने में किया जा सकता है।
• ताज़े स्लाईस्ड आँवले को शक्कर की चाशनी में पकाकर, फ्रूट टार्टस्, केक, चीज़केक आदि के टॉपिंग बनाने के लिए प्रयोग किया जा सकता है।
• आँवले के सिरप और क्रश बनाए जा सकते हैं, जिनका प्रयोग अकसर मॉकटेल बनाने में किया जाता है।
• जब आँवले का मौसम हो, दक्षिण भारतीय इन्हें अकसर नमक वाले पानी में हल्का उबालकर, पकाए हुए पानी के साथ काँच या चिनीमिट्टी के बर्तन में रखते हैं। सभी आँवले के अच्छी तरह ढ़क जाने तक का पानी होना चाहिए। इसे नीर नेल्लीकाई कहते हैं, जिन्हें महिने भर के लिए फ्रिज में रखा जा सकता है।
आंवला, अमला संग्रह करने के तरीके
• ताज़े फल को ज़िपलॉक बैग या बंद प्लास्टिक बैग में रखकर, फ्रिज मे रखकर संग्रह करें।
आंवला, अमला के फायदे, स्वास्थ्य विषयक (benefits of amla, Indian gooseberry in Hindi)
विटामिन सी से भरे
आंवले आपकी प्रतिरक्षा (immunity) को बढ़ावा देने और आपके शरीर को विभिन्न बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं।
विटामिन सी एक
एंटीऑक्सिडेंट के रूप में भी कार्य करता है और आपकी त्वचा में फिर से युवापन प्रदान करने, आपके रक्त को शुद्ध करने,
कैंसर के जोखिम को कम करने और
उम्र बढ़ने के संकेतों को धीमा करने में मदद करता है।