खट्टा दही (sour curds)
गुनगुने दूध मे थोड़ा ज्यादा पोषक डालकर और जमने के बाद भी काफी देर तक बाहर रखने पर खट्टा दही बनता है। बचे हुए दही को भी फ्रिज से बाहर निकालकर ४-५ घंटो तक निकालकर खट्टा दही बना सकते है। खट्टा हो जाने पर खट्टे दही को फ्रिज मे रख दे क्योंकि और ज्यादा देर बाहर रखने पर वह खाने के योग्य नही रहेगा। एैसा दही कड़ी, ढ़ोकले का घोल, आदि बनाने मे प्रयोग होता है।
• ताज़े दही मे मिले फल, आपके दिन कि शुरुआत करने का अचछा उपाय है।
• एक आसान सा दही, नमक, कालीमिर्च और हरा धनिया का मिश्रण किसी भी सलाद के साथ जजता है।
• सलाद के ड्रेसिंग और डिप्स बनाने के लिये खट्टे और सादे दही का, एकान्तरण कर प्रयोग किया जा सकता है।
• गर्मी के मौसम मे रायता ठंडक देता है। रायता एक आसानी से बनने वाला व्यंजन है जो फेटे हुए दही मे फल, सब्ज़ीयाँ या कोई भी अन्य सामग्री डालकर बनता है।
• ग्रेवी को पौष्टिक तरीके से गाढ़ा बनाने के लिये मलाई कि जगह दही का प्रयोग करें।
• आटा और छाछ मिलाकर और उसमे अपनी पसंद का फल डालकर, सुबह के नाश्ते के लिये पॅनकेक बनाऐं।
• चपाती, थेपला या पराठे के आटे मे एक चम्मच दही मिलाये। यह पौष्टिक्ता प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें ज्यादा नरम और फुला हुआ बनाता है।
• छाछ या लस्सी ताज़गी प्रदान करते हैं। अदरक, हरी मिर्च और कालीमिर्च को छाछ मे मिलाकर कोला के मुकाबले एक पौष्टिक पेय मिलता है।
• दही का मज़ा दोनों नमक और शक्कर के साथ लिया जा सकता है। दहि का प्रयोग, मीठे से लेकर तीखे नमकीन व्यंजनों मे किया जा सकता है।
• जहाँ तक दही से बने व्यंजनों के नाम कि बारी आती है, वह कभी ना खत्म होने वाली है। रायता, पछड़ी, कड़ी, दही वड़ा…आदि, उत्तर हो या दक्षिण, पुरब हो या पश्चिम, भारत के सभी कोने का, दही से बना अपना खास व्यंजन होता है।
• दही अम्लीय होने कि वजह से एक बेहतरीन मेरीनेड बनाता है। दही बेक्ड व्यंजनो को मुलायम बनाकर उनमे नमी बनाये रखता है, खासतौर पर मेवा युक्त ब्रेड में।
• खट्टे दही को सब्ज़ीयों कि ग्रेवी मे टमाटर कि जगह डाला जा सकता है।
दही संग्रह करने के तरीके
• फ्रिज मे संग्रह करें। यह ५° सेलसियस से कम तापमान पर कुछ हफ्तो तक रखा जा सकता है।
• आप दही को आमतौर पर २ हफ्तो तक फ्रिज मे रख सकते है लेकिन उसके बाद दही बहुत ज्यादा खट्टा हो जाता है। सारे दही से थौड़े से दही का प्रयोग करने के लिये, ज़रुरत अनुसार निकाल लें और बचे हुए दही को तुरंत ढ़ककर फ्रिज मे रख दें। खट्टी मालई कि तरह दही खराब होने पर सफेद पानी छोड़ने लगता है।
• अगर आपको दही को लंबे समय तक संग्रह करने कि ज़रुरत है तो आप बाज़ार मे उपलब्ध विभिन्न प्रकार के दही और मे से चुन सकते है।
दही के फायदे, स्वास्थ्य विषयक (benefits of curd, dahi, yogurt, yoghurt in Hindi)
दही पाचन में मदद करते हैं क्योंकि इसमें बहुत अच्छे बैक्टीरिया होते हैं। दही में प्रोबायोटिक्स एक हल्के रेचक के रूप में कार्य करता है और
दस्त और पेचिश के मामले में, यह एक वरदान है, अगर दही चावल के साथ उपयोग किया जाता है। वे
वजन कम करने में मदद करते हैं, आपके
हार्ट के लिए अच्छा है और प्रतिरक्षा का निर्माण करते हैं। दही और
कम फॅट वाले दही के बीच एकमात्र अंतर वसा का स्तर होता है। अपने दैनिक आहार में शामिल करने के लिए दही के लाभों को पढ़ें।