अन्य नाम
दारीया दाल
वर्णन
भुनी हुई चना दाल, जैसा इसका नाम है, यह चने की दाल को भुनकर बनाया जाता है। यह दाल को बेहतरीन मेवेदार स्वाद प्रदान करता है। भुने हुए चना दाल छोटे, कड़े और क्रीमी सफेद रंग के होते हैं और इनकी सौम्य खूशबु और स्वाद होता है।
चुनने का सुझाव
• भुनी हुई चना दाल आसानी से मिलती है और इसे संग्रह करना भी आसान होता है।
• इसे बाज़ार से लाया जा सकता है या घर पर भी बनाया जा सकता है।
• सूखा खरीदने पर, इस बात की जांच कर लें की दाल को ढ़के हुए बर्तन में रखा गया है और यह साबूत, बिना किसी दाग के और नमी से मुक्त हैं।
रसोई में उपयोग
• भुनी हुई चना दाल को कड़ी पत्ते, धनिया, नमक, ज़ीरा और सूखे लाल मिर्च के साथ पीसकर अीर फिर दहीं के साथ मिलाकर मुलायम चटनी बनाई जा सकती है।
• भुनी हुई चना दाल को मूंगफली, तिल, सूखे नारीयल, लाल मिर्च, हींग, नमक और घी के साथ मिलाकर बेहतरीन मसाला पाउडर बनाया जा सकता है, जिसे उपमा पर छिड़कर या इडली, डोसा, उत्तपा के साथ परोसा जा सकता है। इसे हवा बंद डब्बे में संग्रह करें।
• भुनी हुई चना दाल का प्रयोग दक्षिणी भारतीय नारीयल की चटनी बनाने के लिए करते हैं।
• इसका प्रयोग पोहा चीवड़े में भी किया जाता है।
• इसे सामान्य नाश्ते के रुप में खाया जा सकता है या इसमें टमाटर, ककड़ी, प्याज़, लाल मिर्च पाउडर और थोड़ा नींबू का रस मिलाकर पर परोसा जा सकता है।
• इसे व्यंजन में डालने से पहले पीसा या दरदरा मिश्रण बनाया जा सकता है।
संग्रह करने के तरीके
• भुनी हुई चना दाल को हमेशा हवा बंद डब्बे में रखकर सामान्य तापमान पर रखें।
• संग्रह करने से पहले किसी भी प्रकार के पत्थर या कंकड़ को निकालने के लिए इसे छाटना अच्छा होता है।
स्वास्थ्य विषयक
• भुनी हुई चना दाल मैन्गनीस, फोलॅट, प्रोटीन, खाद्य रेशांक, कॉपर, फोसफोरस और लौह का बेहतरीन स्रोत है।